लालगंज आज़मगढ़ । देवगांव क्षेत्र के दौना जेहतमंदपुर गांव में मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता हामिद अली एडवोकेट ने की। इस अवसर पर हामिद अली एडवोकेट ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में उर्दू के कलमकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया तथा आजादी के रणबांकुरों में जोश भरने के लिए उन्होंने अपनी कलम का भरपूर इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से भाषा की उन्नति में सहायता मिलती अत: कार्यक्रम के आयोजन के लिए वह समाजसेवी हाजी कमालुद्दीन को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कौम की तरक्की में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है,वह सभी से अनुरोध करते हैं कि अपने बच्चों की शिक्षा पर पूरी तरह ध्यान दें। इसके बाद मुशायरे का आरंभ हुआ जिसमें शायरों ने अपने कलाम पेश किए। इस मौके पर रफीक गड़बड़ ने पढ़ा कि- बाप से बद कलाम करता है और ससुर को सलाम करता है, मां को देता है गालियां बेटा, सास का एहतराम करता है। को लोगों ने खूब पसंद किया। बैरीडीह निवासी मैकश आदमी ने पढ़ा कि उसे ही छोड़ना पड़ता है घर मोहब्बत का, जिसे भी घर की जरूरत ने मार डाला है। इसके अतिरिक्त अरशद कमर, शादाब आज़मी, शादां पयामी, चांदनी शबनम अंबेडकरनगर, विभा शुक्ला बनारस, रजब शेरवानी आदि ने भी अपने कलाम प्रस्तुत किए। इस मौके पर काफी लोगों की भीड़ रही। संचालन आरिफ सिद्दीकी जौनपुरी ने किया।
Home / BREAKING NEWS / दौना जेहतमंदपुर गांव में मुशायरे का हुआ आयोजन, भारी भीड़ के बीच शायरों ने पेश किया कलाम
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