लालगंज आजमगढ़ । कातिर्क मास के पावन अवसर पर पल्हना ब्लाक अंतर्गत ग्राम बाबू की खजुरी में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा ने श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। यह कथा 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक प्रतिदिन संध्या 5 बजे से हरि इच्छा तक आयोजित हुई है, जिसकी पूर्णाहुति एवं भंडारा 18 अक्टूबर को संपन्न होगा। पूरे दिन श्रीमद्भागवत श्लोक पारायण आचार्य पंडित तारकेश्वर मिश्र एवं पंडित गौरव दुबे , पंडित केशव मिश्र, पंडित अर्पित तिवारी के द्वारा किया गया, इन मंत्रों से ग्राम वातावरण गुंजायमान रहा। सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण, भजन-कीर्तन और आरती में सम्मिलित होकर भक्ति सागर में डूब गए।कथा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। मुख्य यजमान देवेंद्र प्रताप सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह और इंद्रबहादुर सिंह द्वारा व्यास पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कथा वाचक पं. बालमुकुंद मिश्र ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का ऐसा मनोहर वर्णन किया कि वातावरण भक्तिभाव से सरोबार हो उठा। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार बालकृष्ण ने पूतना, अघासुर, बकासुर, धेनुकासुर, तृणावर्त और अन्य असुरों का संघार कर ब्रजभूमि की रक्षा की। इसके पश्चात उन्होंने इंद्र के अभिमान को शांत करने हेतु गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर समस्त ब्रजवासियों को वर्षा से बचाया। इस अद्भुत प्रसंग के पश्चात गाँव में गोवर्धन पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने गोवर्धन पर्वत का सुंदर निर्माण कर उसकी परिक्रमा और पूजन-अर्चना की श्रीकृष्ण–रुक्मिणी विवाह उत्सव सम्पन्न भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी का पावन विवाह उत्सव बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कथा स्थल पर विवाह की सुंदर झांकी सजाई गई जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी की दिव्य लीलाओं का मनोहर प्रदर्शन किया गया। भजनों की मधुर धुन पर भक्तगण भावविभोर होकर झूम उठे और नृत्य कर आनंदमग्न हो गए। पूरे वातावरण में जय श्रीकृष्ण के जयकारों से भक्तिभाव का माहौल छा गया पूरे दिन श्रीमद्भागवत श्लोक पारायण आचार्य पंडित तारकेश्वर मिश्र एवं पंडित गौरव दुबे , पंडित केशव मिश्र, पंडित अर्पित तिवारी के द्वारा किया गया मंत्रों से ग्राम का वातावरण गुंजायमान रहा। सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण, भजन-कीर्तन और आरती में सम्मिलित होकर भक्ति सागर में डूब गए। आयोजन समिति ने सभी आगंतुकों का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में भक्ति, नैतिकता और एकता का संदेश देते हैं।यह सातदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान रहा बल्कि ग्राम समाज की एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक जागरूकता का जीवंत प्रतीक बन गई।इस अवसर पर गोविन्द दुबे (महासचिव उप्र अभिभावक संघ), जयप्रकाश सिंह , सन्तोष शर्मा महादेव पारा, विनोदलाल श्रीवास्तव , डॉ० रविकान्त सिंह , राहुल पाण्डेय जयनगर एवं अन्य सम्भ्रान्त नागरिक और भक्त जनसमुदाय उपस्थित रहे।