अहरौला आजमगढ़ । मां शारदा महाविद्यालय शंभूपुर गहजी में रजत जयंती को लेकर एक समारोह का आयोजन कर बड़े उत्साह के साथ ज्यंति मनायी गई कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ। प्रथम सत्र में बौद्धिक गोष्ठी आयोजित की गई जबकि सायं 6 बजे से कवि सम्मेलन एवं लोकनृत्य का आयोजन हुआ बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश गौतम, विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के कुलपति प्रो. संजीव कुमार, तथा जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि प्रो. नरेश गौतम ने कहा कि संस्कार और शिक्षा समाज की प्रगति के मूल आधार हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए महाविद्यालय प्रबंधन की सराहना की। विशिष्ट अतिथि प्रो. संजीव कुमार ने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी समुचित बोध हो जाए, तो समाज की अधिकांश समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने छात्रों से कहा कि वे केवल उपाधि प्राप्ति के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सच्चे ज्ञान अर्जन के लिए शिक्षण संस्थान आएं।इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह, डॉ. घनश्याम सिंह, प्रो. लालजी त्रिपाठी, पूर्व मंत्री शंभूनाथ सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संत महंत शुभम दास, दैवज्ञ मुन्ना बाबा तथा राजबली पांडे ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि यह क्षेत्र ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली रहा है, जहां शिक्षा और संस्कार की गंगा प्रवाहित होती रही है।

कार्यक्रम के दौरान प्रबंधक फौजदार सिंह एवं प्राचार्य डॉ. दिवाकर सिंह ने अतिथियों को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं स्मारिका भेंट कर सम्मानित किया। प्रबंधक ने सभी अतिथियों व उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. धर्मराज सिंह, डॉ. अशोक सिंह, मनोज चौबे, प्रवीण कुमार सिंह सहित अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
मिर्ज़ा तारीक बेग की रिपोर्ट

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