लालगंज आज़मगढ़ । मईखरगपुर गांव में स्थित आत्म अनुसंधान आश्रम परिसर के जया विजया सभागार मे परमपूज्य बाबा विशाल भारत जी के अवतरण दिवस पर एक गोष्ठी आयोजित की गयी । अवतरण दिवस पर आयोजित गोष्ठी मे शिष्यों व श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए परमपूज्य बाबा विशाल भारत जी ने अपने आर्शीवचन मे कहा कि भाद्र पद पूर्णिमा दिन शुक्रवार को मै अपने जीवन के 57 वर्ष इसी स्थान पर अपने जीवन का कीमती समय बिताया उन्होंने बताया कि किसी के पास गुरु के प्रति समर्पण है ही नहीं गुरु के पास लोगो का अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण है । अपने लक्ष्य के लिए गुरु के पास जाते हैं लक्ष्य पूरा होता रहेगा आते रहेंगे या लक्ष्य पूरा होने का भ्रम रहेगा आते रहेंगे । गुरु के प्रति समर्पण बहुत जरूरी है । सभी लोग गुरु जी को अपने हिसाब से ढालना चाहते है , गुरु मूख बनना चाहते है । सद्बुद्धि आप चाहोगे तो मिल जाएगी । स्वयं सद्बुद्धि जब आप सोने जाते हो शारीरिक , मानसिक , आचरण कार्य पर विचार करे । अपने से अपना तय करें क्या करना चाहते हैं क्या नहीं चारपाई पर विचार करे । सद्बुद्धि का सबसे सरल रास्ता है । दीक्षा का सम्बध मुक्ति से होता है किसी गुरु के एक मंत्र से मुक्ति नहीं मिल सकता है । मोक्ष शरीर का नहीं आत्मा का होता है । शरीर जलने किसी और पंथ के जमीन में गाड़ने व नदी में प्रवाहित करने से शरीर मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। मोक्ष आत्मा का परमात्मा में विलीन होना । आत्मा का सदैव – सदैव के लिए अस्तित्व समाप्त हो जाए । परमात्मा के चाहने पर मोक्ष की प्राप्ति होगी । कार्यक्रम को नरेंद्र सिंह पूर्वाचल विकास बोर्ड उपाध्यक्ष , अनिल भूषण विनोद राय , रमाकांत सिंह, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य रामनयन सिंह ने किया।
 
		 The Dabang News बेख़ौफ मिजाज़ में दबंग हैं
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