राजनीति का अपराधीकरण और भ्रष्टाचार–
हमारी एक समस्या है और यह है कि हम सबको एक ही पलड़े में तौल लेते हैं।
यहाँ मैं आपका ध्यान दो राष्ट्रीय दलों में क्या मूलभूत अंतर है उस पर ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दो राष्ट्रीय दल हैं और वे इतनी बड़े दल है कि यह निश्चित है कि उन में से कुछ लोग भ्रष्ट होंगे या आपराधिक पृष्ठभूमि के होंगे।
परंतु दोनों में अंतर तब स्पष्ट होता है जब इन नेताओं पर भ्रष्टाचार के या अपराधों के आरोप लगते
हैं।
2004-2014 देश में कांग्रेस की सरकार थी ।कांग्रेस पर टूजी घोटाला ,कोयला घोटाला , कॉमनवेल्थ घोटाला और आदर्श घोटाला जैसे बड़े आरोप लगे।
कांग्रेस सरकार ने टूजी घोटाला में अपने मंत्री राजा को पद से हटाकर ख़ुद जेल भेजा , कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोप में अपने सांसद कलमाडी को जेल भेजा,
कोयला मंत्रालय ख़ुद प्रधानमंत्री के पास था और प्रधानमंत्री ने अपने ख़िलाफ़ भी CBI जाँच के आदेश दिए,
आदर्श घोटाले के आरोपी अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया और उनके ख़िलाफ़ CBI जाँच के आदेश दिए गए।
इन सब घोटाले की जाँच के परिणाम आ गए हैं। CBI कोर्ट ने मोदीजी के शासनकाल में यह निर्णय दिया कि कोई टेलीकॉम घोटाला नहीं हुआ थाऔर राजा बाइज़्ज़त बरी हो गए।
CBI कोर्ट ने मोदी जी के शासनकाल में निर्णय दिया की कोई कोयला घोटाला नहीं हुआ था और मनमोहन सिंह पर लगे चार्ज हटा लिया गया।
मोदी जी के शासनकाल में आदर्श घोटाले में अशोक चौहान बरी हो गए।
सिर्फ़ एक केस की सुनवाई बाकी है वह कॉमनवैल्थ घोटाला।
इससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर अपने नेताओं के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने से बाज़ नहीं आती है।
अब इसकी तुलना मोदी जी के कार्यकाल से कर
लीजिए।
* ख़ुद मोदीजी पर सहारा डायरी , बिरला डायरी और यदुरप्पा डायरी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे मोदी जी ने CBI इंक्वायरी के आदेश क्यों नहीं दिया?
* ख़ुद मोदीजी पर राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगे मोदी जी ने CBI जाँच के आदेश क्यों नहीं दिया।
मैं उन्हें पद से हटने की बात नहीं कर रहा हूँ, पर CBI की जाँच तो वे करवा सकते थे।
आप कांग्रेस का एक मुख्यमंत्री बताइए जिस पर पाएँ ३५ आपराधिक मामले दर्ज हों और कांग्रेस ने जिसे मुख्यमंत्री बनाया हो।
योगी जी और मौर्य जी, दोनों पर लगभग तीन दर्जन से ज़्यादा आपराधिक मामले होने के बावजूद BJP उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनाती है और आप चाहते हैं कि विकास दूबे पैदा न हों तो ऐसा कैसे होगा?
मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में सैकड़ों लोग मर जाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफ़ा लेना को दूर BJP उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बना देती है।
सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार से पूछता है कि राजस्थान के पहाड़ कहाँ ग़ायब हो गए पर मोदी सरकार वसुंधरा राजे के ख़िलाफ़ CBI इंक्वायरी नहीं करती।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के समय में 35 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का अन्न घोटाला होता है परंतु उसकी जाँच मोदी सरकार CBI से नहीं करवाती ।
ऊपर से भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते हैं कि हमारे यहाँ इस्तीफ़ा देने का प्रचलन नहीं है।
पनामा और पैराडाइस पेपर में नाम होने की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ता है और वे जेल जाते हैं।
पनामा और पैराडाइस पेपर में भारत के 1200 लोगों के नाम हैं जिसमें रमन सिंह को लड़के का भी नाम है।
परन्तु इन 12 सौ लोगों में से एक के ऊपर भी छह वर्ष में एक एफ़आइआर मोदी सरकार नहीं करती।
* गुजरात 88 हज़ार करोड़ बिटकॉइन घोटाला
* GSIDC ठेका घोटाला
* गोवा रोड घोटाला
* 20,000 करोड़ का KG Basin Gas घोटाला
* 10,000 करोड़ का MP डीमैट एडमिशन घोटाला
* 1000 करोड़ का ग़रीबों का घर निर्माण घोटाला
* 297 करोड़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन घोटाला
* कई लाख करोड़ का कार्पोरेट क़र्ज़ माफ़ी घोटाला
क्या BJP भ्रष्टाचार के साथ नहीं है?
हम सब जानते हैं कि बलात्कार कम किए जा सकते हैं ख़त्म नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस और BJP की सरकार में अंतर यह है कि कांग्रेस सरकार या कांग्रेस के किसी नेता ने किसी बलात्कारी का सत्कार नहीं किया उसके पक्ष में जुलूस नहीं निकाले।
BJP के मंत्री बलात्कारियों के पक्ष में जुलूस निकालते हैं । जेल से उनके ज़मानत पर रिहा होने पर उनका सत्कार
करते हैं।
BJP सरकार में बलात्कार के आरोपी चिन्मयानंद ज़मानत पर बाहर होते हैं और बलात्कार पीड़िता जेल में।
बीजेपी विधायक सेंगर जिस लड़की का बलात्कार करते हैं उसका बाप पुलिस स्टेशन में शिकायत लिखाने जाता है और उसे हवालात में बंद करके इतना पीटा जाता है कि उसकी मौत हो जाती
है। उसके पूरे परिवार को मार डाला जाता है।
यह अंतर है भाई, BJP और कांग्रेस में।
आपको चैलेंज करता हूँ, आप हिंदुस्तान के किसी भी ज़िले में चले जाएँगे और १९४७ से आज तक के सारे सांसदों और विधायकों के पास क्या संपत्ति है उसका आकलन करेंगे तो आप पाएंगे कि 60 वर्ष सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस के पूर्व विधायकों , सांसदों और मंत्रियों के परिवार के पास …
BJP के विधायकों मंत्रियों और सांसदों की संपत्ति का 10% भी संपत्ति नहीं होगी।
फिर भी कुछ लोग कहते हैं कि सारे भ्रष्ट हैं और सारे अपराधी हैं।
सही बात तो यह है कि वे लोग सच देखना ही नहीं चाहते।
BJP की आयडियालजी का समर्थन करिए लेकिन सच तो बोलिए।
आप सुबह से शाम तक झूठ बोलने वाले प्रधानमंत्री का समर्थन करते हैं।
पिछले 30 वर्षों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का शासन नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में हो रहा है किसी भी अपराध के लिए आप कांग्रेस को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
30 साल में उत्तर प्रदेश की पुलिस का अपराधीकरण करने में सबसे बड़ी भूमिका सपा और BJP की रही है जिन्होंने वहाँ अधिकतम समय शासन किया है।
आज उत्तर प्रदेश में योगी ख़िलाफ़ या मोदी जी के ख़िलाफ़ समाचार पत्र में लेख लिखने वालों को गिरफ़्तार कर लिया जा रहा है।
आप ईमानदारी से बताइए कि 10 दिन के पहले आपने कभी विकास दुबे का नाम उत्तर प्रदेश के गुंडों की किसी लिस्ट में देखा था।
उत्तर प्रदेश में विकास दूबे के स्तर के कम से कम पाँच गुंडे हर ज़िले में हैं।
योगी सरकार तीन साल से क्या कर रही है।
नहीं कर रही न करें फिर झूठ क्यों बोलते है कि हमने सारे गुंडे भगा दिए हैं।
सम्पादक की कलम से……