लालगंज आजमगढ़ । गांधी के इस चमन को तकसीम दिया, और पूछते हो हमसे कि गद्दार कौन है। क्षेत्र के प्रसिद्ध शायर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. जमशेद कमर (70) का विगत 24 अक्टूबर की शाम करीब 5 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 25 अक्टूबर सोमवार को सुबह 11 बजे मौजा बैरीडीह, लालगंज कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया। उनकी नमाजे जनाज़ा मुफ्ती शोएब अहमद ने अदा कराई। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में प्रशंसक शामिल हुए। उनकी मौत पर हाजी इसरार अहमद, पूर्व ब्लॉक प्रमुख मास्टर अलीम बेग, हामिद अली एडवोकेट, आरिफ सिद्दीकी, शहाबुद्दीन, डॉ. मुनव्वर कैसर, सगीर अहमद, मिर्जा साजिद बेग, गफ्फार अहमद, शादान पयामी, अयूब वफा, डॉ. मुस्तकीम अहमद, अजीज अहमद पूर्व प्रधान जियाउद्दीन उर्फ चन्नू, मुजम्मिल जाहिद अली, नूर आलम उर्फ पप्पू प्रधान, फखरेआलम, मिर्जा जाहिद बेग आदि ने शोक व्यक्त किया। करीब दो वर्ष पूर्व उनकी पत्नी की भी मौत हो गई थी। उनकी संतानों मे चार बेटे इमलाक अहमद, मोहम्मद अजमल, मोहम्मद राशिद, मोहम्मद साकिब और चार बेटियां शामिल हैं। जमशेद कमर के निधन से क्षेत्र मे शोक का माहौल है। लालगंज क्षेत्र में साहित्यिक गतिविधियों मे वह निरंतर सक्रिय रहते थे तथा वे पेशे से एक डॉक्टर थे और समाज की सेवा करना उनके जीवन की पहचान थी।