लालगंज आज़मगढ़ । लालगंज तहसील के कटघर नसरूल्लाह में ढाई एकड़ ग्राम सभा की सरकारी भूमि के अभिलेखों में ही कुछ लोगों ने हेराफेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया था। सुनवाई के बाद तत्कालीन डीएम ने सभी लाभ पाने वाले व्यक्तियों के ऊपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। वहीं अब एडीएम वित्त एवं राजस्व ने इस मामले में सभी के नाम को खारिज करते हुए उक्त भूमि को ग्राम सभा के बंजर खाते में दर्ज करने का आदेश दिया है। जमीन का मुआवजा हड़पने के लिए राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से 2.5 एकड़ बंजर जमीन की चकबंदी खतौनी बदलने का मामला प्रकाश में आया था। लालगंज तहसील के देवगांव बाजार के पास स्थित गांव कटघर नसरूल्लाह में आराजी नंबर 59 ज की 2.5 एकड़ बंजर जमीन को चकबंदी के दौरान मिल्लू पुत्र सकलदीप ने अपने खाते में शामिल करा लिया थ। जबकि 1970 में चकबंदी अधिकारी ने इसे बंजर मानते हुए ग्राम सभा के बंजर खाते में दर्ज करने का आदेश दिया था। आकार पत्र 11 के खाता संख्या 109 पर इसकी अमल दरामद भी हो गई थी। लेकिन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से इसे ग्राम सभा के खाते में दर्ज नहीं किया गया। जमीन के वाराणसी-लुंबिनी हाइवे पर बन रहे देवगांव बाईपास में आने की जानकारी के बाद वाराणसी के सारनाथ तिलमापुर निवासी डा. शैलेष राय ने इस जमीन के आकार पत्र 11 की नकल लिखित रूप से मांगी लेकिन उन्हें नकल नहीं दी गई। इस बीच जमीन की अमल दरामद रिपोर्ट भी गायब हो गई। तत्कालीन सीआरओ द्वारा इसकी जांच भी कराई गई। उक्त मामला एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में चलता रहा। उक्त मामले की सुनवाई के बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व ने उक्त खाते की भूमि पर दर्ज सभी नामों को खारित कर उसे पुन: ग्राम सभा के बंजर खाते में दर्ज करने का आदेश दिया।