पूर्व मंत्री व सपा नेता घूरा राम की कोरोना से मौत, KJMU में तोड़ा दम
पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के नेता घूरा राम की गुरुवार की भोर में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल विवि (केजीएमयू) में मौत हो गयी। सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें भर्ती कराया गया था। यहां फेफड़े में संक्रमण का पता चला। बेटे संतोष कुमार के अनुसार बुधवार की रात उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
बताया जाता है कि पूर्व मंत्री को 14 जुलाई को बलिया में अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। यहां उन्हें एक हृदय रोग विशेषज्ञ के यहां ले जाया गया। चिकित्सक ने लखनऊ जाने की सलाह दी। इसके बाद वे केजीएमयू में चले गए थे। फेफड़े में संक्रमण से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। गुरुवार की भोर में चार बजे हार्ट अटैक के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।घूराराम 1993, 2002 और 2007 में बलिया की रसड़ा सीट से विधायक रहे। 1995 में मायावती सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने। उनकी पहचान कद्दावर दलित नेता के रूप में होती थी। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा ने आजमगढ़ की लालगंज (सु) सीट से प्रत्याशी बनाया था। अंतिम समय में टिकट कट गया। इसके बाद अखिलेश यादव की मौजूदगी में लखनऊ में सपा की सदस्यता ली थी।मूलरूप से बलिया के रसड़ा विस क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के रहने वाले घूरा राम वर्ष 1984 में बीएस-4 से जुड़े थे। वर्ष 1985 में उन्हें युवा बहुजन समाज पार्टी का बलिया का जिलाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद वे वर्ष 1990 से वर्ष 1998 तक बसपा के जिलाध्यक्ष रहे। वर्ष 1993 में उन्हें रसड़ा विधानसभा से पहली बार बसपा का टिकट मिला और वे विधायक चुन लिए गये। 1995 में घूरा राम को मायावती ने मंत्री बनाते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्राविधिक शिक्षा, वैकल्पिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी दिये थे।