नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस और सूबे की सियासत में महीनों तक चला गतिरोध आखिरकार सोमवार को खत्म हो गया. लंबे वक्त तक राजस्थान सरकार पर खतरे के बादल मंडराते रहे और इसकी वजह किसी और को नहीं बल्कि सचिन पायलट को ही बताया गया. बागी रुख अख्तियार करने वाले पायलट ने सोमवार को नरम रुख अपनाया और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात हुई, जिसके बाद उन्होंने साफ कर दिया कि पार्टी से कोई बैर नहीं. पायलट ने कहा कि उन्होंने सैद्धांतिक मुद्दे उठाए थे और वो चाहते थे कि वो मुद्दे सुने जाएं.
आज इस विवाद को सुलझाने में कांग्रेस का आलाकमान एक्टिव दिखाई दिया. एआईसीसी के जनरल सेकरेट्री केसी वेनुगोपाल ने बताया कि सचिन पायलट की इस मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि सचिन पायलट और असंतुष्ट विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए एआईसीसी तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन करेगी और उचित रास्ता निकालेगी.
पायलट ने इस बात की भी जानकारी दी है कि पार्टी की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि तीन सदस्यीय कमेटी तमाम मुद्दों को हल करेगी जो उनकी तरफ से उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, “जो सैद्धांतिक मुद्दे थे, गवर्नेंस के जो मुद्दे थे, मैं चाहता था वो मुद्दे सुने जाएं. ताकि पार्टी और सरकार उन वादों पर खरी उतर सके, जिन वादों को कर के हम सत्ता में आए थे.