लालगंज आज़मगढ़ । आर्य समाज मंदिर लालगंज में चल रहा आठ दिवसीय यजुर्वेद पारायण महायज्ञ का हुआ समापन। 23 जुलाई से 30 जनवरी तक चलने वाले महायज्ञ के कथा वाचक आचार्य गिरिराज तथा रामायण शास्त्री ने याज्ञिक कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा त्याग की भावना पर बल दिया।उन्होंने कहा हमारी श्रुतियां तेन त्यक्तेन भुंजीथा का उपदेश देती हैं। हमारे ऋषि और मुनि त्याग शील थे। उन्होंने त्याग पूर्वक भोग पर बल दिया है। त्याग से ही यह सृष्टि चलती है। त्याग से ही समस्त प्राणियों का भरण पोषण होता है। इसलिए मनुष्य में त्याग की भावना होना आवश्यक है। इस पृथ्वी के कण-कण में ईश्वर की सत्ता व्याप्त है यह मानकर हमें किसी भी वस्तु का त्याग पूर्वक भोग करना चाहिए। स्वामी नित्यानंद ने कहा कि हमें अपने मन को वश में करना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक धीरेंद्र आर्य, सत्येंद्र आर्य, भूपेंद्र आर्य,गिरधारी लाल ने यज्ञ कार्य में सहयोग देने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया ।इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह,तिलखरा अशोक सोनकर, जगदीश,अवनीश उर्फ मोनू,बाबूलाल आर्य, रमेश जायसवाल ,लखन जायसवाल, जगदीश श्रवण ,रोशन कुमार, अनीता ,सरिता, दुर्गा आर्य आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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