लालगंज आज़मगढ़ । आज शनिवार को लालगंज विकास खंड सभागार में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को रासायनिक खादों को कम से कम फसलों में प्रयोग करने के लिए जागरूक किया गया। कृषि वैज्ञानिक डॉ रणधीर नायक ने कहा कि नत्रजन की मात्रा जो फसलों में यूरिया के माध्यम से दी जाती है उसका 30% ही फसलें ले पाती हैं बाकी 70% से जमीन को नुकसान, एवं वातावरण प्रदूषित होता है। जबकि इफ्को नैनो तरल यूरिया का फसलों में छिड़काव करने पर 80% फसलें नत्रजन लेती हैं और 20% ही नुकसान होता है। डॉ नायक ने कहा कि यूरिया की तुलना में नैनो तरल यूरिया उपयोग करने से गुणवत्ता युक्त उपज अधिक होगी। तरल यूरिया सभी फसलों के लिए उपयोगी है। वातावरण प्रदूषण की समस्या से मिट्टी हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा । सुगम परिवहन एवं भंडारण के खर्चों में भी कमी आएगी। डॉ नायक ने बताया कि इफ्को नैनो तरल यूरिया की 2 से 4 मिली लीटर मात्रा को प्रतिलीटर पानी में घोल बनाकर खड़ी फसल में छिड़काव करें। नाइट्रोजन की आवश्यकता वाली फसलों में 2 मिली लीटर एवं एवं अधिक आवश्यकता वाली फसलों में 4 मिली लीटर तक नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी की दर से पत्तियों पर छिड़काव कर के लाभ प्राप्त किया जा सकता है। दलहनी फसलों में एक बार तथा अनाज ,तेल ,सब्जी, कपास ,गन्ना वाली फसलों में दो बार नैनो यूरिया का छिड़काव करने से किसान लाभान्वित होगा। पहला छिड़काव अंकुरण रोपाई के 33 दिन बाद दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 15 दिन बाद करना लाभप्रद होता है। 1 एकड़ खेत के लिए लगभग 125 लीटर पानी से काम हो जाएगा। गोष्ठी के मुख्य अतिथि योगेंद्र राय जिला भाजपा उपाध्यक्ष ने तरल नैनो की यूरिया के प्रयोग को किसानों के लिए लाभकारी बताया। इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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