कृषि विभाग के अनुसार हर गांव में एक या दो किसान ऐसे मिल रहे हैं जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ पा रहे थे। कई किसान मृतक हो गए हैं उनके खाते में भी धनराशि जा रही है। लेखपाल के माध्यम से सत्यापन कराया जा रहा है। उप कृषि निदेशक डॉ. आरके मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कई किसानों की ओर से अज्ञानतावश या कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना की किस्तें प्राप्त की जा रही हैं। 132 राजस्व ग्रामों का सत्यापन में कुल 8732 लाभार्थियों में 258 अपात्र पाए गए हैं। अपात्रों की अब तक ली गई धनराशि की नियमानुसार वसूली की जा रही है। डीएम के निर्देशानुसार अब अवशेष समस्त राजस्व ग्रामों के लाभार्थियों का स्थलीय सत्यापन कराते अपात्र किसानों से वसूली की कार्यवाही की जाएगी। अपात्र किसान स्वयं भी अब तक ली गई धनराशि को वापस कर सकते हैं। सत्यापन के दौरान पकड़ में आने के बाद भू-राजस्व की तरह वसूली की जाएगी और दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
योजना के लिए ये हैं अपात्र
अपात्र लाभार्थी में भूतपूर्व या वर्तमान संवैधानिक पदधारक, समूह-घ के कार्मिकों को छोड़कर राज्य केंद्र सरकार के समस्त अधिकारी व कर्मचारी एवं मासिक पेंशन (10000) से अधिक के पेंशनर, पेशेवर डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट या आर्किटेक्ट, आयकर दाता, कृषि योग्य भूमि न होना, एक परिवार में एक से अधिक लाभार्थी शामिल हैं। ऐसे लोग किसान सम्मान निधि की धनराशि वापस कर कार्रवाई से बच सकते हैं।