लालगंज (आज़मगढ़)। आज मुहर्रम के दसवां यानी आशूरे का दिन था। इस अवसर पर जहाँ देवगाँव में प्रतिवर्ष दिन बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता था तथा पूरी बाज़ार इस दिन ढोल ताशे तथा विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों के साथ ताजिए के जुलूस से गूंज उठती थी वहीं इस साल कोरोना महामारी के चलते सब कुछ सूना सूना सा रहा। देवगाँव समेत समूचे क्षेत्र में कोविड 19 के लागू नियमों के अनुसार सादगी से आज मुहर्रम का पर्व मनाया गया। ताज़ियादारी की अनुमति मिलने पर कुछ स्थानों पर छोड़ कर कहीं भी ताज़िया नही रखी गई तथा ढोल का भी आयोजन रद्द कर दिया गया।
इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्देशानुसर कही भी ताज़िया दफ़न नही करने के आदेश का बखूबी पालन किया गया जो रखी गई ताज़िया थी वह भी लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित रख दिया। इस मौक़े पर देवगाँव कोतवाल मय फ़ोर्स पूरे मामले में मुस्तैद दिखाई दिए। चेवार में रखी ताज़िया को दफ़न करने आए लोगों को पुलिस ने समझा भुझा कर वापस कर दिया गया। देवगाँव निवासी सैफ़ ज़ैदी ने कहा की हम ने सरकार के नियमानुसार आज मुहर्रम के आशूरे का दिन बेहद सादगी से मनाया। कहीं भी कोई सोशल डिसटेंसिंग या कोविड 19 के नियमों का उल्लंघन नही गया। प्रशासन ने इस में हमारी बहुत मदद की है इसके लिए हम देवगाँव पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देते है।