तरवॉ आज़मगढ़ । सर्द भरे मौसम में हर कोई कांप रहा है। पशु पक्षी भी ठिठुरे हुए हैं। बेसहारा गोवंश आश्रय स्थलों में ठंड से बचाव के मुकम्मल व्यवस्था न होने से गोवंशों की दुर्दशा हो रही है। टाट पट्टी, तिरपाल जरूरत के मुताबिक नहीं हैं। टिनशेड और नीचे खाली जमीन पर बैठने में बेजुबान कराह उठते हैं।जिले में कुल 38 गोवंश आश्रय स्थल है इसमें 27 सौ से अधिक बेसहारा पशु रखे गए हैं। इन पशुओं के भरण -पोषण को वित्तीय वर्ष में दो करोड़ रुपये जारी हुए। इससे गोवंश के लिए भूसा, चारा, दाना की व्यवस्था की गई है। गोवंश के संरक्षण के लिए पीआरडी के जवान और सफाई कर्मचारियों को तैनात किया गया है।शासन ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए टाट के बोरे तथा गुड़ की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, मगर बजट नहीं मिला। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.वीके सिंह ने कहा कि गोवंश को ठंड से बचाने के लिए शासन से अलग से बजट की व्यस्था नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ग्राम पंचायत निधि से सभी गोवंश आश्रय स्थलों पर पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्दे की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। मगर इसके उलट तरवा के मौलानीपुर ग्राम सभा में बने गो आश्रय स्थल में 30 पशु रह रहे हैं ठंड से बचाव के लिए सिर्फ़ यहाँ प्लास्टिक लगाई जा सकी है जोकी नाकाफ़ी है ।