लालगंज आज़मगढ़ । लालगंज से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके पूर्व राज्य सभा सांसद व सपा के वरिष्ठ नेता बलिहारी बाबू का कोरोना के चलते निधन हो गया। वो कुछ दिन पूर्व कोरोना पॉज़िटिव पाए गये थे मंगलवार की रात कोरोना संक्रमित होने के चलते उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार की सुबह इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।उनके निधन से लालगंज सहित जिले में शोक की लहर फैल गई बता दें कि वे बहुजन आंदोलन के योद्धा बलिहारी बाबू स्व. कांशीराम के साथ बामसेफ के संस्थापक सदस्य थे। वे काफी लंबे समय से बहुजन समाज पार्टी से जुड़े हुए थे। वे कई बार बहुजन समाज पार्टी से राज्यसभा सदस्य चुने किए गए थे। इधर कुछ वर्ष पूर्व वे बहुजन समाज पार्टी से नाता तोड़कर पहले कांग्रेस का दामन थामा बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। वर्ष 2014 में पूर्व राज्यसभा सदस्य बलिहारी बाबू को कांग्रेस पार्टी ने लालगंज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया था। पूर्व राज्यसभा सदस्य बलिहारी बाबू की शैक्षिक योग्यता इंटर थी। लोकसभा चुनाव के कुछ वर्ष बाद बलिहारी बाबू वर्ष 2017 में फिर से बसपा में शामिल हो गए थे, लेकिन पार्टी सुप्रीमों ने उनके कद कम करते हुए पार्टी के प्रति कुछ करने के लिए कोई काम नहीं सौंपा। पार्टी में अपनी उपेक्षा के चलते उन्होंने बसपा को छोड़कर मार्च 2020 समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2022 के विधान सभा चुनाव में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के संकल्प के इस मिशन के साथ काम करना शुरु कर दिया था।