लालगंज आजमगढ़। पल्हना इलाके के मियांपुर बासदेवा गोशाला में मृत मवेशियों को एक स्कूल के पास खुले में फेंक दिया जा रहा है, जिसके दुर्गंध से स्कूल में पढ़ाई करना दुश्वार हो गया है। बीमारी फैलने का भी अंदेशा है। प्रधानाचार्य ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है। पल्हना विकास खंड के मियांपुर बासदेवा गांव में एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से स्थायी गोशाला बनाई गई है। इसमें 340 पशु हैं। पशुओं की देखभाल गाजीपुर की संस्था सर्वोच्च नारायण गोरक्षा एवं समाज सेवा ट्रस्ट करता है। गोशाला के बगल में स्थित जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक दिनेश सिंह यादव ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर आरोप लगाया है कि गोशाला में मृत पशुओं को स्कूल के पास के एक गड्ढे में फेंक दिया जाता है। इससे उठने वाली दुर्गंध से विद्यालय में रहना दुर्भर हो जाता है। गोशाला संचालन करने वाली संस्था के सचिन तिवारी का कहना है कि गोशाला के पास गांव के लोग मृत पशुओं को फेंकते रहे हैं। लिहाजा हम भी उन्हें वहीं फेंकते हैं। कहीं और फेंकने पर गांव के लोग विरोध करेंगे। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि प्रधानाचार्य के आरोप बेबुनियाद हैं। फिर भी यदि खुले में शव फेंके जा रहे हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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