नई दिल्ली. केंद्र सरकार सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर जेल से छोड़ने को तैयार हो गई है. इसके बाद मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय की छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. केंद्र ने कहा कि सफूरा को मानवीय आधार पर छोड़ने को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है. बता दें कि सफूरा जरगर पर दिल्ली हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. उनके प्रेग्नेंट होने की सूचना के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने की मांग भी उठी थी. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. सफूरा को 10 अप्रैल को गिरफ्तार कियाा गया था.
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि कि जमानत अवधि के दौरान सफूरा जरगर दिल्ली छोड़कर कहीं न जाएं. इस पर जामिया की छात्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्य रामकृष्णन ने बताया कि सफूरा को अपने डॉक्टर से सलाह लेने के लिए फरीदाबाद जाना पड़ सकता है. केंद्र की स्वीकृति को देखते हुए जस्टिस राजीव शखधर की पीठ ने 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सफूरा जरगर को सशर्त जमानत दे दी. बता दें कि सफूरा जरगर को अत्यधिक कठोर कानून UAPA के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है.