हम लोग कोविड-19 के सबसे खतरनाक दौर में पहुंच गए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य और दुख की बात यह है कि लोग इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिस समय सरकार के द्वारा लॉकडाउन किया गया था, उस समय इंफेक्शन का खतरा बहुत कम था क्योंकि केसेस बहुत कम थे। उसके बाद भी हम दुकान के दो गज दूरी हेतु गोलाई बनाकर उसमे ग्राहकों को खड़ा कराते थे। क्या इसलिए कि जिला प्रशासन का पहरा था? भाईयो अब क्योंकि केसेस बहुत बढ़ गए हैं, इसलिए इंफेक्शन का खतरा बहुत अधिक बढ़ गया है। हम स्टेज 3 में प्रवेश कर चुके हैं | लेकिन जनता का व्यवहार इससे उल्टा ही है। लोग बिना किसी जरूरी काम के घर से खूब निकल रहे हैं, मास्क बहुत कम लोग लगा रहे हैं और दूरी का पालन भी नहीं कर रहे हैं। प्रशासन की तरफ से भी अब कोई सख्ती दिखाई नहीं पड़ रही है, केवल थोड़े से चालान काट कर औपचारिकता निभाई जा रही है। स्वयंसेवी संस्थाएं और एनजीओ भी शांत हो गए हैं।जो बेहद ही दुःखद है |
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