लालगंज आज़मगढ़ । गाय जब तक दूध देती तब तक उसकी देखभाल होती और रहने का आसरा मिलता है जिस दिन दूध देना बंद कर देती वैसे ही लोग गौशाला में ना देके बेसहारा छोड़ देते और फिर ये रोड पर यहाँ उहाँ घुम ऐसे तैसे अपनी ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर हो जाती है ये बरसात में भीग कर सर्दी में कोहरे के बीच और गर्मी में अपना गुज़ारा अपने बच्चों के साथ ऐसे तैसे यही सड़क पर करती है ।
रात के अंधेरो में बड़ी गाड़ियों का निशाना बनती साथ ही छोटे बच्चे भूकें या बरसात में भीग अपनी जान गवा देते और वही रोड पर पड़ी सड़ती और कुत्तों का खाना बनती है ज़िंदा रहने पे कोई सुध नही लेता फिर मरने पर इनकी सुध लेने वाला कौन होगा। ऐसा ही कुछ देवगाँव के बाईपास और बाज़ार का हाल है यहाँ आप को बहोत सारी गाय अपने बच्चों के साथ रोड पर घूमती सोती देखने को मिलती है यहाँ पर एक गाय किसी गाड़ी का निशाना बनती है और वही तड़प कर जान गँवा देती है उसके बाद भी उसकी तकलीफ़ कमी नही होती है उहाँ से उसे कोई हटाने वाला नही मिला । आवारा कुत्तों ने नोच कर अपना पेट भरते देखा गया आख़िर ये गलती किसकी है क्या वो लोग इसके ज़िम्मेदार नही जो दूध ना देने पर इन्हें सड़क पर छोड़ देते है और इनको सड़क या सिवान में रहने को मजबूर करते है इनकी सुध कोई नही लेने वाला कोई नही है
नाहीं प्रशासन और नाहीं कोई धार्मिक संघटन के लोग । ये सिर्फ़ राजनीति करने के लिए आगे की जाती है असल में इन्हें देखने वाला कोई नही है ।आज भी आप को देवगाँव के आस पास बहोत सारी गाय रोडो पर ऐसे ही देखने को मिलेगी ।खबर के माध्यम से लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि देवगाँव में गौशाला निर्माण हो जिस से गाय को कोई अपना घर मिल सके ।